श्रीलंका हुआ कंगाल, बुद्ध की शिक्षा नही आई काम
बुध्द के ज्ञान पर चलने वाली श्रीलंका आर्थिक बर्बादी के कगार पर है।आर्थिक संकट से परेशान देश के सभी 26 मंत्रियों का इस्तीफा हो चुका है। देश अरबो रुपये के कर्ज में डूबा है,राशन के समान की कीमत आसमान छू रही है।
●चावल 250/kg
●गेहूं 200/kg
●चीनी 250/kg
●नारियल तेल 900/लीटर
●मिल्क पाउडर 2000/kg
अस्पतालों में बिजली ठप है। बिजली की कमी से हालात ये हो गए हैं कि मरीजों की जरूरी सर्जरी भी नहीं हो पा रही है।
श्रीलंका के लोग इस आर्थिक तंगी के लिए सरकार को ज़िम्मेदार मान रहे है। लोगों का कहना है की सरकार की गलती नीतियों के कारण ही देश की ये हालत हुई है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि राजपक्षे परिवार देश को तबाह करे….राजपक्षे परिवार इस देश के लिए कैंसर है ।हम शांतिपूर्ण देश हैं. सारे पैसे चुरा लिए गए हैं 90 बिलियन रुपये है. हमारे पैसे हैं हम उन्हें देश को बर्बाद नहीं करने देंगे.’
श्रीलंका की स्थिति बद से बद्तर
श्रीलंका में आर्थिक तंगी के साथ साथ अन्य क्षेत्रों में भी बुरी स्थिति है। कई जगहों पर होस्पिटल में दवाइयों की कमी होने की खबर भी सामने आई है। खाने पीने के सामानों के दाम आसमान छू रहे हैं, इस कारण गरीब लोगों को सही से दो वक्त की रोटी भी नसीब होना मुश्किल हो रहा है। सरकार के गलत फैसलों के कारण पूरा श्रीलंका त्रस्त है।
बता दें कि श्रीलंका एक बुध्दिस्ट देश है, जहां बुद्ध की शिक्षाओं का पालन किया जाता है। ऐसी स्थिति में आने के बाद बुद्ध की शिक्षाओं पर भी सवाल उठने लाज़मी हैं। उम्मीद है कि सरकार के कई मंत्री जल्द ही इस्तीफा सौंप सकते हैं। जनाक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। फिलहाल देखने वाली बात होगी कि श्रीलंका को इस स्थिति से उबरने में कितना समय लगता है।
मामले पर आपकी क्या राय है ज़रूर बताएं।
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