सारण में गुरुवार को चुनाव खत्म होने के बाद से सबको इंतज़ार था कि वहां से चुनाव कौन जीतते हैं। इंतज़ार खत्म हुआ एक बड़ी घटना के साथ। दरअसल यहां से एमएलसी का चुनाव सच्चिदानंद राय ने जीता है। खास बात ये है कि सच्चिदानंद राय का टिकट भाजपा ने काट दिया था जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया ।
सच्चिदानंद राय ने 837 वोटों के अंतर से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से जीत हासिल की। पूर्व में भी एमएलसी रहे सच्चिदानंद राय को जहाँ 2819 वोट्स मिले,वहीं सुधांशु रंजन जो उनके निकटम प्रतिद्वंद्वी थे, केवल 1982 वोट्स ही पा सकें।
जिस भाजपा ने टिकट काटा, उसके प्रत्याशी रहें तीसरे स्थान पर।
खास बात ये है कि भाजपा ने जिस प्रत्याशी के लिए सच्चिदानंद राय को टिकट नही दिया वो प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहें। जबकि राजद के प्रत्याशी सुधांशु रंजन दूसरे स्थान पर थें। भाजपा प्रत्याशी धर्मेंद्र सिंह को केवल 254 वोट ही मिल पाएं। बता दें कि ये अंतर 10 गुना से भी ज्यादा का है जबकि BJP अलग ही सोच रही थी।
“सवर्णो पर ज़ुल्म बर्दाश्त नही” सच्चिदानंद राय
एमएलसी बनें सच्चिदानंद राय अक्सर सवर्णो की आवाज़ उठाने का प्रयास करते हैं। 2018 में इन्होंने BJP में होते हुए भी सवर्णो के खिलाफ हो रहे कामों के लिए BJP का विरोध किया था। बता दें कि एमएलसी साहब जनता के बीच भी काफी लोकप्रिय हैं साथ ही सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रहते हैं। बता दें कि सच्चिदानंद राय के फेसबुक पेज पर 1 लाख 92 हज़ार से ज्यादा फॉलोवर्स हैं।
हाल में ही अपने बागी तेवर की वजह से भाजपा ने सच्चिदानंद राय को एमएलसी चुनाव के लिए टिकट नही दिया,जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय लड़के का फैसला किया । चुनाव में अन्य पार्टियों की अभिलाषा को रौंदते हुए सच्चिदानंद राय ने ज़मीनी स्तर पर भी अपनी लोकप्रियता का प्रदर्शन कर दिया है।
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